Tuesday, March 10, 2009

Gajendra Singh Rathore




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5 comments:

  1. कितनी इसके काम आयेगी, एकदम इसको जाच जायेगी!!
    मेरी बात को मानले भगवन,
    आदमी को पूंछ दे दे,बदले मैं चाहे मूंछ लेले !!

    गधे की दे दे लोमड़ की दे दे, कुते दे दे बिल्ली की दे दे!!
    मेड इन कलकाता की दे दे नही तो चल दिली की दे दे !!


    दफ्तर मैं इसे हिला हिला के, अपने बोस को खुश कर लेंगे !!

    गुस्से मैं बाबु जब होंगे , अन्दर इसको पुस कर लेंगे !!

    बातों से जो बात न बने ,उसका हल ये पूंछ दे दे !!

    मेरी बात को ......................


    भांति भांति के पूंछ वाले हो जायेंगे यहाँ आबाद,

    जातिवाद फैला पहले से फिर फेलेगा पूंछ वाद !!

    राजनीती को नया मशाला नै दिशा और उंच दे दे !!

    मेरी बात को ..................


    जगह जगह पर नरसंहार मानव बना पशु का अवतार !!

    मानवता कहीं नजर न आए ,जानवर सा करे बर्ताव !!

    कम से कम इस मानव को तू, जानवर का लेबलदे दे !!

    मेरी बात को मानले भगवन आदमी को पूंछ दे दे !!!!!!

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  2. "महाराज चिरक देवजी "
    राजस्थान जिस्यो फुटरो नाम बिस्यो ही फुटरो ठाँव पण देवी देवतां गी लम्बी कतार जै कंप्यूटर मैं भी नाम लिखाण बैठां तो नावड़ं कोनी!

    कोई शुभ काम होवंतो होवे तो सगळ देवी देवतां ने याद करना जरूरी हैं! जे एक ही भूली चुकी मैं कोई देवता छुट्ग्यो तो बो किन्न्गेई मुंडे बोलतो देर कोनी लगावे!और देवी देवता इता हैं क कम्पुटर में भी लिखन बैठ ज्यावां तो नावाड़ें कोनी, और नित नया देवता आवण लगरया हैं! एक इस्ये ही देवतागी मैंने याद आ री है "महाराज चिरक देवजी "तो हुयो इयान की मेघवालनी आपगे टाबर ने गोदी मैं लेगे ब्राह्मणा ग गाँव गई! अब टाबर गो पेट खराब हो जियां ही मेघवालनी मिन्दर क आगें गई टाबर चिरक दियो, शुद्ध भासा मैं कवुं तो टट्टी बैठ दियो! इतेने मेघवालनी देख्यो मिन्दर मिया पंडितजी चढावे गा पिस्सा गिनता ही आ रयाँ हैं! मेघवालनी सोच्यो हे भगवान् अब के होसी एक तो जातगी मेघवाल दुसरो टाबर टट्टी बैठ दियो और बोई मिन्दर ग आगें! एतो सेई मेधा रलग्या, जे हुवे तो कोई बुद्धि लगा, अब माथे गा लोटिया चस्या! जोरस्युं टिली मारी :- हे महाराज थारी जय हो ! जय हो चिरक देवजी महाराज की जय हो ! पंडितजी देख्यो ओ के सांग है! पंडितजी हौले हौले कने गया, बोल्या कुन है बाई !! मेघवालनी भोड हला हला बोली:- परगटग्या परगटग्या चिरक देवजी परगटग्या!!! आंगळी स्यूं चिरको दिखावंती बोली बो देखो रात ही सपनो आयो क इं गाँव मैं कलियुग को अवतार चिरक देव परगट होसी और बो मने दिखसी! प्रभु इच्छा स्यूं मैं आई और दिख्ग्यो मैं धन्य होगी !! पंडितजी गो इतो सुणनो हो की दंडवत करण लागग्या और गाँव मैं ढ़ीन्ढ़ोरो पिट दियो अबं गाँव उमड्यो, लुगायां गीत बढावा गावंती ही आई !

    बात दूर दूर ताई पूगी दूर दूर गांवां स्यूं लोग आया, कई पैदल यात्र्याँ का दल आया, अबं लोगाँ सोच्यो क भाई मंदिर बनायो जावे बडो हवन कार्यो जावे, बड़े बड़े साधू महात्मा ने बुलाया गया, बात मीडिया मैं पतों लगी, सगला समाचार चैनल हाळा कैमरा ले ले गे आग्य्गा ,अब लाग्या बीं चिरक की फोटुवाँ लेवन न, कई दिना रो हुने स्यूं कल्डो हुग्यो, पण भाई चिरक देवता तो चिरक देवता ही हैं कल्डो हुवो चाहे कंवलो हो! लोग हाथ लगा लगा सर ग लगाँव, अब टीवी चंनेलाँ पर एक ही समाचार "कलियुग के अवतारी महाराज चिरक देवजी" प्रगत हुए आइये ले चलते है आपको उस जगह जहां ये कलियुगी अवतार श्री महाराज चिरक देवजी प्रगट हुए हैं, सीधे प्रसारण मैं चिरका दिखा रहे हैं , ख्याति पुरे संसार भर मैं फेल गयी, बहुतों की मनो कमाना पूरी हुई, अब चिरक चालीसा , चिरक मंत्र , चिरक स्तुति, चिराकनान्दजी की आरती, वगेरह वगेरह सभी बने, लोग चिरक देव की लहरी , चिरक देव का बेज, चिरक देवजी का मादलिया लगा लगा के घूम रहे हैं,

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  3. my name is s.b.pandia pulasar ramjibas mahatma gandhi pustkaly ke pas shreebhagwan pandia

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  4. ABE CHUTIYA TU TO POOLASAR HALI SI KARDI JE THAR M BOODHI HOTI TO KISYA INYA THODI KARTA HOY DADOJI-

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  5. is bar website pahle wale se kafi achi h

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